• गीता सार – अध्याय 11

  • Feb 14 2023
  • Length: 15 mins
  • Podcast

गीता सार – अध्याय 11

  • Summary

  • विश्वरूपदर्शनयोग – Geeta Summary in Hindi इस अध्याय में श्री कृष्ण अर्जुन को अपने विराट रूप के दर्शन करवाते हैं। अर्जुन देखता है कि उनका स्वरुप तीनों लोकों में फैला हुआ है। समस्त ब्रह्माण्ड में उनकी ही छवि है। उनके चार हाथ हैं। और असंख्य सिर हैं। कुछ सिर बेहद डरावने हैं और कुछ बेहद सौम्य। कुछ मुखों से आग, जल आदि निकल रहे हैं। उनके एक तरफ से जीव -जंतु जन्म लेकर पृथ्वी की तरफ आ रहे हैं। और दूसरी तरफ वे मौत के गाल में समा रहे हैं। जन्म और मृत्यु सब श्री कृष्ण के द्वारा ही हैं। यह सब देखकर अर्जुन विस्मित हो जाता है। और श्रदा – पूर्वक प्रभु के चरणों में नमन करता है। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 11 धन्यवाद
    Show More Show Less
activate_Holiday_promo_in_buybox_DT_T2

What listeners say about गीता सार – अध्याय 11

Average customer ratings

Reviews - Please select the tabs below to change the source of reviews.