Episodes

  • उपसर्ग (नि + दान = निदान )🥳
    Sep 12 2024
    1 min
  • Dukh ka Adhikar | दुःख का अधिकार | Class 9
    Sep 12 2024

    in the story line the narrator sees an old woman sitting near a shop and selling melons.He noticed that the woman was crying badly.He wanted to know but his dress became an impediment to ask the lady the reason of her sadness.

    he later to came to know from the shopkeeper that the lady's son died.Many people who were standing there were cursing the woman because just one day after her son's death she came to sell melons just focusing on her greediness for money.But the truth was ,her daughter in law and her grandchildren were sick and hungry.She did not have any other option but go and sell the melons to get money for the treatment.At this moment the poet remembers his neighbor who had witnessed the same situation but as she was rich she had many people around her to spend time with her and take her out of that sad situation.At the end the poet tells the difference in expressing sadness between the rich and poor.

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    9 mins
  • Vaigyanik Chetna Ke Vahak | वैज्ञानिक चेतना के वाहक - चंद्रशेखर वेंकटरमन धीरंजन माल वे 🥉🥇🏆| Class 9
    Sep 12 2024

    प्रस्तुत पाठ ‘वैज्ञानिक चेतना के वाहक रामन्’ में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रथम भारतीय वैज्ञानिक के संघर्षमय जीवन का चित्रण किया गया है। वेंकट रामन् कुल ग्यारह साल की उम्र में मैट्रिक, विशेष योग्यता के साथ इंटरमीडिएट, भौतिकी और अंग्रेशी में स्वर्ण पदक के साथ बी.ए. और प्रथम श्रेणी में एम.ए. करके मात्र अठारह साल की उम्र में कोलकाता में भारत सरकार के फाइनेंस डिपार्टमेंट में सहायक जनरल एकाउंटेंट नियुक्त कर लिए गए थे। इनकी प्रतिभा से इनके अध्यापक तक अभिभूत थे।
    चंद्रशेखर वेंकट रामन् भारत में विज्ञान की उन्नति के चिर आकांक्षी थे तथा भारत की स्वतंत्राता के पक्षधर थे। वे महात्मा गांधी को अपना अभिन्न मित्रा मानते थे। नोबेल पुरस्कार समारोह के बाद एक भोज के दौरान उन्होंने कहा था:
    मुझे एक बधाई का तार अपने सर्वाधिक प्रिय मित्र (महात्मा गांधी) से मिला है, जो इस समय जेल में हैं। एक मेधावी छात्र से महान वैज्ञानिक तक की रामन् की संघर्षमय जीवन यात्रा और उनकी उपलब्धियों की जानकारी यह पाठ बखूबी कराता है।

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    9 mins
  • Everest Meri Shikhar Yatra | एवरेस्ट - मेरी शिखर यात्रा | Class 9
    Sep 12 2024

    बचेंद्री पाल अपनी एवरेस्ट की चढ़ाई के सफर की बात करते हुए कहती हैं कि एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाला दल 7 मार्च को दिल्ली से हवाई जहाज़ से काठमांडू के लिए चल पड़ा था। उस दल से पहले ही एक मज़बूत दल बहुत पहले ही एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए चला गया था जिससे कि वह बचेंद्री पाल वाले दल के ‘बेस कैम्प’ पहुँचने से पहले बर्फ के गिरने के कारण बने कठिन रास्ते को साफ कर सके। बचेंद्री पाल कहती हैं कि नमचे बाज़ार, शेरपालैंड का एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नगरीय क्षेत्र है।यहीं से बचेंद्री पाल ने सर्वप्रथम एवरेस्ट को देखा था। बचेंद्री पाल कहती हैं कि लोगों के द्वारा बचेंद्री पाल को बताया गया कि शिखर पर जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर तूफानों को झेलना पड़ता है, विशेषकर जब मौसम खराब होता है। जब उनका दल 26 मार्च को पैरिच पहुँचा तो उन्हें हमें बर्फ के खिसकने के कारण हुई एक शेरपा कुली की मृत्यु का दुःख भरा समाचार मिला। सोलह शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु हो गई और चार घायल हो गए थे।

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    9 mins
  • नए इलाके में, कक्षा नौवीं , स्पर्श भाग 1🌹| Class 9
    Sep 12 2024
    3 mins
  • खुशबू रचते हैं हाथ , स्पर्श | Class 9
    Sep 12 2024
    5 mins
  • अग्निपथ कविता के प्रश्न - उत्तर कक्षा -नवीं स्पर्श भाग 1 हिंदी कोर्स -बी🎊 | Class 9
    5 mins
  • तुम कब जाओगे, अतिथि ,🤗🤗 | Class 9
    Sep 12 2024
    8 mins