• Episode - 16 Playing the English Gentleman

  • Jan 14 2025
  • Length: 13 mins
  • Podcast

Episode - 16 Playing the English Gentleman

  • Summary


  • Season : 01 Episode : 16 " Playing the English Gentleman " ( एक अंग्रेज सज्जन पुरुष की भूमिका ) . . " The Story of My Experiments with Truth " (The Autobiography of Mahatma Ghandhi) . . . In this chapter, Gandhi recounts his efforts to adopt the lifestyle of an English gentleman during his early days in England. Feeling the pressure to fit into British society, he begins experimenting with English customs, attire, and manners. He meticulously learns how to tie a tie, wears a top hat, and even takes lessons in dancing, French, and elocution. However, despite these attempts to blend in, Gandhi soon realizes that outward appearances do not define one’s character or worth. This chapter marks a turning point in Gandhi’s self-awareness. He discovers that genuine respect is not earned by imitating others but through inner integrity and personal development. His brief fascination with English culture underscores the internal conflict of identity he faced as an Indian in a foreign land. Ultimately, "Playing the English Gentleman" highlights Gandhi’s growing realization that true dignity comes from self-respect and authenticity rather than superficial conformity. It offers readers a glimpse into his formative years and the lessons that shaped his later philosophy of simplicity and self-reliance. . . . . इस अध्याय में, गांधी अपने शुरुआती इंग्लैंड प्रवास के दौरान अंग्रेज़ी जेंटलमैन की जीवनशैली अपनाने के अपने प्रयासों का वर्णन करते हैं। ब्रिटिश समाज में घुलने-मिलने के दबाव को महसूस करते हुए, वे अंग्रेज़ी रीति-रिवाजों, पहनावे और तौर-तरीकों को अपनाने की कोशिश करते हैं। वे टाई बांधने का अभ्यास करते हैं, ऊँची टोपी पहनते हैं और नृत्य, फ्रेंच भाषा और भाषण कला के पाठ लेते हैं। हालाँकि, इन सभी प्रयासों के बावजूद, गांधी को जल्दी ही एहसास हो जाता है कि बाहरी दिखावा व्यक्ति के चरित्र या मूल्य को परिभाषित नहीं करता। यह अध्याय गांधी की आत्मचेतना में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है। वे समझते हैं कि सच्चा सम्मान दूसरों की नकल करके नहीं, बल्कि अपनी आंतरिक ईमानदारी और आत्म-विकास से अर्जित होता है। अंग्रेजी संस्कृति के प्रति उनका यह अल्पकालिक आकर्षण इंग्लैंड में एक भारतीय के रूप में उनकी पहचान के संघर्ष को दर्शाता है। अंततः "प्लेयिंग द इंग्लिश जेंटलमैन" यह दर्शाता है कि वास्तविक गरिमा बाहरी दिखावे में नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और प्रामाणिकता में निहित है। यह अध्याय पाठकों को गांधी के प्रारंभिक जीवन की एक झलक प्रदान करता है और उन शिक्षाओं को उजागर करता है, जिन्होंने आगे चलकर उनकी सरलता और आत्मनिर्भरता की नीति को आकार दिया। . . . . . Buy Now 🛒

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